यूँ तो सभी कुछ मेरे पास है लेकिन
कुछ तो है जो खो सा गया है...
इस बात का जवाब तो मेरे पास भी नहीं
की क्या है वो जो मेरे साथ नहीं...
किसी के साथ की कमी है ये या फिर
मेरा वक़्त कुछ सो सा गया है....
लोगो से घिरे रहते हैं हम यूँ तो
पर अपना साया ही ग़ुम हो सा गया है...
वहां तक तो किसी की नज़र भी नहीं जाती
जहाँ वो शख्स अभी रोकर गया है...
मैंने कभी किसी को बद्दुआ तो नहीं दी
फिर क्यों कोई बिछड़ा हुआ परेशां सा हो गया है
शायद उसकी हंसी ही है जो गायब है
कहीं वो मुझसे जुदा होकर खामोश से हो गया है....
कहीं वो मुझसे जुदा होकर खामोश से हो गया है....
Khuda kare aapko wo mil jaye
ReplyDeletejo kho saa gaya hai
Tanhayee aur dard ko kuchh isi tarah ke shabdon mein bayan kiya ja sakta hai. Bahut badhiya.