आओ बसंत, छाओ बसंत
तुम सबका मन गुदगुदाओ बसंत!!
मुरझाये हृदयों को तुम
चुपके से खिलाओ बसंत!!!
जीवन की सुन्दरता को बिसरा बैठे जो
तुम उन्हें सुन्दरता का आभास कराओ बसंत!!
तुम ऋतुओं के राजा हो
अपनी प्रजा को थोडा हँसाओ बसंत!!!
आशा विहीन इन लोगो के
मन को भी तो महकाओ बसंत...!!!
तुम सबका मन गुदगुदाओ बसंत!!
मुरझाये हृदयों को तुम
चुपके से खिलाओ बसंत!!!
जीवन की सुन्दरता को बिसरा बैठे जो
तुम उन्हें सुन्दरता का आभास कराओ बसंत!!
तुम ऋतुओं के राजा हो
अपनी प्रजा को थोडा हँसाओ बसंत!!!
आशा विहीन इन लोगो के
मन को भी तो महकाओ बसंत...!!!