Saturday, October 26, 2013

हसरतें ऐसी ही होती हैं जो पूरी न हो सकें


दिल में कसमसाती रहें एक आह की तरह 
तीर सी चुभती रहें पैनी निगाह की तरह 

आग बनके कभी चैन को जलाती रहें 
दबी हुई प्यास को रह रह के जगाती रहें 

आँखों में कभी मिराज के धोखे की धूल भर दे 
और कभी भरे घाव में टीस सी पैदा कर दे। 

हसरतें अधूरी ही होती हैं, पूरी नहीं  
फिर भी इनके बिना ज़िन्दगी भी पूरी नहीं