Wednesday, February 15, 2012

कहते इसे मोहब्बत हैं...

दिल की सरसराहट है वो
और है वो जिस्म की तपिश

वो मीठा सा दर्द भी है
और है सीने की खलिश

जो हकीकत में तब्दील हो रहा
यही है वो अफसाना

यहाँ ज़िन्दगी सजा लगे
और मौत बने नजराना

ये वो जज्बा है जिसमे
बला की शिद्दत है

नाम तो बहुत है इसके मगर
कहनेवाले कहते इसे मोहब्बत हैं...

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