Thursday, April 21, 2011

इंतजार

तुम सामने रहते हो किसी अजनबी की तरह
और मैं ढूंढ़ती रहती हूं पुराने 'तुम' को

जो कभी मेरा था और मुझसे मोहब्बत करता था
वक्त कुछ ऐसा बदला कि तुम कोसों दूर चले गए

मेरी मोहब्बत में कोई कमी ना थी
और ना ही तुम बेवफा थे

फिर क्यों हमारे रास्ते इस कदर जुदा हो गए
कि अब उनके मिलने की गुंजाइश भी नजर नहीं आती

पर दिल जो अब भी तुम्हारे लौटने की आस लिए है
कहता है बार-बार मुझको

तुम्हें भी मुझसे बेपनाह मोहब्बत है
उसे यकीन है, इक दिन तुम जरूर लौट आओगे

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