मुझे मत याद करना और
मुझे ना याद आना तुम...
कहीं टकरा भी जाओ तो
मुझसे नज़रें ना मिलाना तुम...
मेरे परवाजों पर अब
बंदिशें नहीं हैं बाकी
तुम्हारी डोर से बंधी थी कभी
ये भी भूल जाना तुम
तुम्हारे जाने से भले ही
दिल सूना हो गया है लेकिन
मुझे फिर दर्द देने कभी
वापस ना आना तुम....
sach me yahee man karta hai
ReplyDeletekabhi kisee se itna jyada lagaav hota hai
lekin cheejen jab pata lagtee hain
to man karta hai
isee duniya me do alag alga duniya ban jayen aur hum kabhi kisee raste me
ek doosre ke saamne na aayen.
heart touching poem.
Thanks for appreciating...!!!
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