Thursday, September 29, 2011

मैंने तुम्हे माफ़ किया और भुला भी दिया
फिर भी तुम्हे माफ़ नहीं कर पाती और
तुम्हारी याद भी गाहे-बगाहे आ ही जाती है...

मैं खुश हूँ की तुम खुश हो मेरे बिना और
आगे बढ़ रहे हो जीवन में मगर,
मुझे बुरा लगता है की क्यों खुश हो मेरे बिना
और क्यों मुझे छोड़ आगे बढ़ रहे हो....

मैं भी निकल आई हूँ नई राहों पर
बहुत से नए पड़ाव भी पार किये मैंने
मगर एक सच ये भी है की आज भी मैं
खड़ी हूँ उसी जगह जहाँ तुम छोड़ गए थे...

तुम्हारी यादों से अब मुझे कोई वास्ता नहीं
ना ही याद करने की फुर्सत है मुझे
पर जब तुम्हारी याद आती है तो
ना जाने क्यों आंसू दर्द बनकर बहने लगते हैं.....

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