Wednesday, September 28, 2011

तेरे आगोश में सो लेने दे...

तेरी गोद में रखकर सिर
जी भरके रो लेने दे
कुछ पल मुझे सुकून से
तेरे आगोश में सो लेने दे...

सोचा था तुझे दूर होकर
मिलेगा कुछ चैन मुझे
तुझसे दूर जाने की कोशिश में
याद करता रहा मैं तुझे

पुरसुकून की तलाश में
भटकते हुए को खुद में डुबो लेने दे...
कुछ पल मुझे सुकून से
तेरे आगोश में सो लेने दे...

तुझे डर था जमाने की
रुसवाइयों से उम्र भर
कायर मैं भी रहा शायद
पकड़ न सका तेरा हाथ हिम्मत कर

मौत करीब खड़ी है मेरे
अब तो तेरा हो लेने दे
कुछ पल मुझे सुकून से
तेरे आगोश में सो लेने दे...

1 comment:

  1. सुँदर भाव अभिव्यक्ति . मनमोहक रचना .

    ReplyDelete