कुछ खाली, खफा सी,
वो लगती बेवफा सी
ख्यालों में रहकर भी,
वो रहती जुदा सी
वो सपनों में जीती,
पर हकीकत में रीती
जो भी उसने है देखा,
बनी आप-बीती
वो अलग और अनूठी,
रहे खुशियों से रूठी
हजार सच्चाइयां है जाने,
पर लगती है झूठी
उसकी मंजिल तो साफ है,
मगर राहों में गंदगी है
कोई और नहीं है ये,
मेरी जिंदगी है...
वो लगती बेवफा सी
ख्यालों में रहकर भी,
वो रहती जुदा सी
वो सपनों में जीती,
पर हकीकत में रीती
जो भी उसने है देखा,
बनी आप-बीती
वो अलग और अनूठी,
रहे खुशियों से रूठी
हजार सच्चाइयां है जाने,
पर लगती है झूठी
उसकी मंजिल तो साफ है,
मगर राहों में गंदगी है
कोई और नहीं है ये,
मेरी जिंदगी है...
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