Thursday, April 21, 2011

ये दर्द तुमने दिया है तो...

ये दर्द तुमने दिया है तो कोई बात नहीं
आंसू कुछ बहे हैं तो कोई बात नहीं

तुम तो चैन से सोते होगे रातों को
यहां नींद उड़ गई है तो कोई बात नहीं

मेरी नजरें तो हमेशा ढूंढ़ती रहेंगी तुमको
जो तुमने नजरें चुरा लीं, तो कोई बात नहीं

मेरी फितरत में नहीं किसी के आगे झुकना
जो तुमने किया है मजबूर तो कोई बात नहीं

इश्क कहते हैं कि रोग बड़ा है बुरा
जो तुमने दिया है रोग तो कोई बात नहीं

 

3 comments:

  1. "ये दर्द तुमने दिया है तो कोई बात नहीं"


    Realy Touching....

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  2. कृपया शब्द पुष्टिकरण की उबाऊ प्रक्रिया हटा लें. क्या हमसे पठनीयता का प्रमाण मांग रही हैं आप??

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  3. Ram.. Thanks for reading my poems... Maine koi prakriya jaanboojhkar nahi daali hai... kripaya naaraz na ho..

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