जिंदगी की सरपट दौड़ में
मन करता है कि कहीं दो पल रुक जाऊं
और झांक लूं थोड़ा सा अतीत के झरोखे में
छिपी है जहां मेरे बचपन की मस्ती
अल्हड़ और महकता यौवन
उस झरोखे से सुनाई देते हैं मुझे
बहन के प्यार भरे उलाहने
दिखाई देती है मेरी छोटी सी ख्वाइश को भी
शिद्दत से पूरी करने की उसकी लगन
कहीं दूर से यादों का गुबार भी
उठता सा नजर आता है
प्यार की खुशबू तो महसूस होती है
मगर नजर कुछ भी नहीं आता है
इस झरोखे से बहुत कुछ
दिखता और सुनाई देता है
जो इस बात का सबूत है कि
इस दौड़ का हिस्सा बनने से पहले
कभी हम भी जिंदा हुआ करते थे...
मन करता है कि कहीं दो पल रुक जाऊं
और झांक लूं थोड़ा सा अतीत के झरोखे में
छिपी है जहां मेरे बचपन की मस्ती
अल्हड़ और महकता यौवन
उस झरोखे से सुनाई देते हैं मुझे
बहन के प्यार भरे उलाहने
दिखाई देती है मेरी छोटी सी ख्वाइश को भी
शिद्दत से पूरी करने की उसकी लगन
कहीं दूर से यादों का गुबार भी
उठता सा नजर आता है
प्यार की खुशबू तो महसूस होती है
मगर नजर कुछ भी नहीं आता है
इस झरोखे से बहुत कुछ
दिखता और सुनाई देता है
जो इस बात का सबूत है कि
इस दौड़ का हिस्सा बनने से पहले
कभी हम भी जिंदा हुआ करते थे...
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