Saturday, November 19, 2011

तुम इस पल आज हो

तुम इस पल आज हो, कल अतीत हो जाओगे
मैं आगे बढ़ जाउंगी और तुम मुझे रोक ना पाओगे...

जो गुज़र जाता है वो लौटता नहीं कभी
मुझे पता है की तुम भी लौटकर ना आओगे...

ये क्षण जो है मेरा है आगे भी एक नया सवेरा है..
तुम भी कल को आगे बढ़कर अपना क्षितिज बनाओगे..


प्रेम हम्रारे जीवन को कर गया सूना लेकिन
मुझे यकीन है तुम कल को किसी का जीवन सजाओगे 

मै भी भर लुंगी रीते मन को किसी के स्नेहिल उद्गारों से 
सुनहरे कल में जब हम मिलेंगे तो तुम मुझे पहचान न पाओगे...  

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