Saturday, November 19, 2011

(भोपाल के बड़े तालाब को समर्पित)

तुम बेहद खूबसूरत हो... विशाल, अथाह...
जब भी तुम्हे देखती हूँ तो 
तुम्हारे लिए मेरा प्यार और बढ़ जाता है
तुम्हारी गहराई... शांति से मेरी बातें सुनना 
और सबकुछ खुद में जज़्ब कर लेना
इन्ही खूबियों की वजह से मैं तुम्हे कभी 
छोड़ नहीं पाती... 
जब किसी और शहर जाती हूँ तो 
तुम्हारी कमी मुझे बेहद खलती है
मैं दुआ करती हूँ की तुमसे मेरा रिश्ता 
हमेशा यूँ ही बरक़रार रहे....

No comments:

Post a Comment