नैनों की गागर जब भर जाए
अंसुअन के मोती छलक जाएं
इनके संग बहे दर्द जिया का
संदेसा नहीं आवत पिया का
अब कौन कांधे संग बांटू मैं पीर
मोरा कान्हा छोड़ गया मोहे नदिया के तीर
वहीं बाट जोहूं और अंसुअन मैं बहाऊं
पर कान्हा के बिना अब घर न जाऊं...
अंसुअन के मोती छलक जाएं
इनके संग बहे दर्द जिया का
संदेसा नहीं आवत पिया का
अब कौन कांधे संग बांटू मैं पीर
मोरा कान्हा छोड़ गया मोहे नदिया के तीर
वहीं बाट जोहूं और अंसुअन मैं बहाऊं
पर कान्हा के बिना अब घर न जाऊं...
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