तेरी आंखों का वो सुरमा
अंधियारी रात के जैसाजो फैला तो दिन में भी
जैसे रात हो गई
इन आंखों की नमीं देख
बादल भी पिघल गए
बदला यूं मौसम की
बरसात हो गई
ये आंखें भी हैं अजीब
जो मुझसे बात करती हैं
तू जब भी देखे पलट मुझको
तो तुझसे बात हो गई
दिल चाहता है बस यही
कि तेरी आंखों में भी चमक हो
ये उसका भी दिल जीतें
जिससे मात हो गई...
aaj se palat kar dekhna Band
ReplyDeleteha ha ha... good decision!!!
ReplyDeleteसुंदर सा
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